New Schemes
‘मिट्टी के बर्तन (पॉटरी) बनाने की गतिविधि'
''ग्रामोद्योग विकास योजना (जीवीवाई)'' स्कीम के अंतर्गत
उद्देश्य
  • मिट्टी के बर्तन (पॉटरी) बनाने वाले कारीगरों के तकनीकी ज्ञान को बढ़ाना और उत्‍पादन लागत में कमी लाना
  • कौशल विकास प्रशिक्षण तथा आधुनिक और स्वचालित उपकरण प्रदान करके मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों की आय को बढ़ाना
  • उद्यान गमलों, कुल्‍हड़, सजावटी उत्पादों जैसे केन्द्रित उत्‍पादों पर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के स्व-सहायता समूहों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना
  • पीएमईजीपी स्कीम के अंतर्गत अपनी इकाई स्‍थापित करने के लिए सफल मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों को प्रोत्साहित करना
  • निर्यात और बड़े खरीदार घरानों के साथ टाई-अप करके आवश्यक मार्केट लिंकेज विकसित करना
  • देश में अंतराष्ट्रीय स्‍तर के मिट्टी के बर्तनों के निर्माण के लिए विभिन्‍न नए उत्‍पाद और कच्चे माल का नवप्रवर्तन करना।
सहायता का प्रकार
  • परंपरागत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए व्‍हील पर मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • मिट्टी के बर्तन बनाने वालों के साथ-साथ गैर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए प्रेस मिट्टी के बर्तन बनाने का प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • मिट्टी के बर्तन बनाने वालों के साथ-साथ गैर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए जिग्गर-जॉली प्रशिक्षण कार्यक्रम
  • मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करने के इच्छुक कुशल परंपरागत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों के लिए प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम.
  • मिट्टी के बर्तन बनाने का व्‍हील, क्ले ब्‍लंगर और ग्रेन्युलेटर आदि प्रदान करके सहायता
कौन आवेदन कर सकता है
  • 18 वर्ष और 55 वर्ष तक की आयु के कारीगर।
  • संबंधित गतिविधि में प्रशिक्षित व्‍यक्ति, पूर्व में इसी गतिविधि में लगे व्यक्ति को उनकी शिक्षा और प्रोफाइल के आधार पर वरीयता दी जाएगी और अजा/अजजा/महिला उम्मीदवार/बीपीएल श्रेणी के लिए न्यूनतम 50%
  • नए उद्योग शुरू करने की इच्‍छा रखने वाले गैर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों को प्रेस मिट्टी के बर्तन बनाने और जिग्गर-जॉली आदि के प्रशिक्षण हेतु चुना जा सकता है।
आवेदन कैसे करें
  • प्रायोगिक परियोजनाओं/प्रशिक्षण प्राप्त करने/मशीनों आदि की स्थापना करने के इच्छुक भावी लाभार्थी/स्व-सहायता समूहों से परियोजना प्रस्तावों के साथ आवेदन आमंत्रित करने के लिए स्‍थानीय प्रिंट/इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से केवीआईसी के राज्य/प्रभागीय निदेशकों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों का उत्‍तर देकर।
  • विवरण जानने के लिए संबंधित राज्‍य कार्यालय, केवीआईसी से संपर्क करें।
    किससे संपर्क करें
    राज्य निदेशक,
    खादी और ग्रामोद्योग आयोग
    http://www.kviconline.gov.in पर पता उपलब्ध है
    संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केवीआईसी, मुंबई
    दूरभाषः 022-26714370
    ई-मेलःykbaramatikar[dot]kvic[at]gov[dot]in
अधिक जानकारी के लिएः
कृपया हमारे सिंगल विंडो सिस्टम@
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‘Pottery Activity’
under “Gramodyog Vikas Yojana (GVY)” SCHEME
Objectives
  • To enhance the production, technical knowhow of pottery artisans and to reduce cost of production
  • To enhance the income of pottery artisans by providing skill development training and modern & automated equipment
  • To provide skill-development training to SHGs of pottery-artisans on focused products like garden pots, khullad, decorator products etc.
  • To encourage the successful potter to set up his own unit under PMEGP scheme
  • To develop necessary market linkages by tying up with exports and large buying houses.
  • To innovate various new products and raw materials to make international scale pottery
Nature of Assistance
  • Wheel Pottery Training Programme for traditional pottery artisans.
  • Press Pottery training programme for pottery as well as non-pottery artisans.
  • Jigger-Jolly training programme for pottery as well as non-pottery artisans.
  • Trainer's training programme for skilled traditional pottery artisans who want to work as Master Trainers.
  • Assistance by providing pottery wheel, Clay Blunger, Granulator etc.
Who Can Apply
  • The artisans between 18 years and upto 55 years of age.
  • Preference to be given to the people trained in the related activity, people pursuing the same activity earlier, based on their education, profile & minimum of 50% to SCs/STs/Women candidates/BPL category
  • Non-pottery artisan who is interested to start new industry can be selected for training of press pottery and jigger-jolly etc.
How to Apply
  • By responding to the advertisements to be given by the State/Divisional Directors of KVIC locally through print & electronic media inviting applications along with project proposals from prospective beneficiaries/SHGs desirous of establishing the Pilot Projects/get training/machines etc.
  • Concerned State Office, KVIC can be contacted to know the details.
    Whom to contact
    State Director, KVIC
    Address available
    at http://www.kviconline.gov.in
    Jt. CEO, KVIC, Mumbai
    Ph: 022-26714370
    Email: ykbaramatikar[dot]kvic[at]gov[dot]in
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'मधुमक्खी पालन की गतिविधि'
''ग्रामोद्योग विकास योजना (जीवीवाई)'' स्कीम के अंतर्गत
उद्देश्य
  • मधुमक्खी प्रबंधन की वैज्ञानिक प्रथाओं को अपनाना;
  • मधुमक्खी पालन में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करना;
  • मधुमक्खी पालकों/किसानों के लिए स्‍थाई रोज़गार सृजित करना;
  • मधुमक्खी पालकों/किसानों को पूरक आय प्रदान करना;
  • शहद और अन्‍य मधुमक्‍खी छत्‍ता उत्‍पादों के बारे में जागरुकता पैदा करना;
  • क्रॉस पॉलिनेशन में मधुमक्खी पालन के लाभों के बारे में जागरुकता पैदा करना।
सहायता का प्रकार
  • निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों/राज्य मधुमक्खी पालन विस्तार केंद्रों/मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से लाभार्थियों को 5 दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
  • मधुमक्‍खी बक्सों, टूल किटों आदि से सहायता।
कौन आवेदन कर सकता है
  • फोटोग्राफ के साथ आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र आदि वाले18 वर्ष से55 वर्ष की आयु वर्ग के व्‍यक्ति।
  • एक परिवार से एक व्‍यक्ति मधुमक्‍खी कॉलोनियों के साथ 10 मधुमक्‍खी बक्‍सों और टूल किट (बी वेल, स्‍मोकर, चाकू और हाइव टूल) के लिए पात्र होगा।
  • केवीआईसी/केवीआईबी/नाबार्ड/केवीके/कृषि-बागवानी बोर्ड/पात्र मधुमक्खी एनजीओ आदि द्वारा मधुमक्खी पालन में पहले से प्रशिक्षित व्यक्ति मधुमक्‍खी कॉलोनियों के साथ मधुमक्‍खी के बक्‍सों और टूल किट की सहायता पाने के लिए पात्र होगा।
  • इसी/समान प्रयोजन के लिए अन्य सरकारी स्कीमों का लाभ ले चुके व्यक्ति पात्र नहीं होंगे; लाभार्थी को इस आशय का घोषणापत्र देना होगा।
आवेदन कैसे करें
  • प्रायोगिक परियोजनाओं/प्रशिक्षण प्राप्त करने/मशीनों आदि की स्थापना करने के इच्छुक भावी लाभार्थी/स्व-सहायता समूहों से परियोजना प्रस्तावों के साथ आवेदन आमंत्रित करने के लिए स्‍थानीय प्रिंट/इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से केवीआईसी के राज्य/प्रभागीय निदेशकों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों का उत्‍तर देकर।
  • विवरण जानने के लिए संबंधित राज्‍य कार्यालय, केवीआईसी से संपर्क करें।
    किससे संपर्क करें
    राज्य निदेशक,
    खादी और ग्रामोद्योग आयोग
    http://www.kviconline.gov.in पर पता उपलब्ध है
    संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केवीआईसी, मुंबई
    दूरभाषः 022-26714370
    ई-मेलःykbaramatikar[dot]kvic[at]gov[dot]in
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‘Beekeeping Activity’
under “Gramodyog Vikas Yojana(GVY)” Scheme
Objectives
  • To adopt scientific Bee Management practices ;
  • To utilize available natural resources in beekeeping ;
  • To create sustainable employments for the beekeepers/farmers ;
  • To provide supplementary income for /beekeepers/farmers
  • To create awareness about Honey and other Hive Products
  • To create awareness about the benefits of beekeeping in cross pollination
Nature of Assistance
  • 5 days beekeeping training is provided to the beneficiary through various Training Centres/State Beekeeping Extension Centres/ Masters’ Trainer as per prescribed syllabus.
  • Assistance with Bee boxes, Tool kits etc.
Who Can Apply
  • Persons in the age group between 18 years to 55 years; having Aadhar Card or Voters’ ID with photographs etc.
  • One person from one family will be eligible for 10 bee boxes, with bee colonies & tools kit (Bee veil, smoker, Knife and hive tool)
  • Persons already trained in beekeeping by KVIC/ KVIB /NABARD/KVK(s) /Agriculture - Horticulture Boards/ Eligible Beekeeping NGO(s), etc. eligible to get the support of bee boxes with bee colonies and tool kit.
  • Persons who have availed benefits from other Govt. Schemes for the same/similar purpose will not be eligible; the beneficiary shall give declaration to this effect.
How to Apply
  • By responding to the advertisements to be given by the State/Divisional Directors of KVIC locally through print & electronic media inviting applications along with project proposals from prospective beneficiaries/SHGs etc.
  • Concerned State Office, KVIC can be contacted to know the details.
    Whom to contact
    State Director, KVIC
    Address available
    at http://www.kviconline.gov.in
    Jt. CEO, KVIC, Mumbai
    Ph: 022-26714370
    Email: ykbaramatikar[dot]kvic[at]gov[dot]in
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‘अगरबत्‍ती बनाने की परियोजना’
''ग्रामोद्योग विकास योजना (जीवीवाई)'' स्‍कीम के अंतर्गत
उद्देश्य
  • देश में अगरबत्‍ती उद्योग को पुनर्जीवित करना;
  • आयात को कम करने के लिए अगरबत्‍ती के स्‍वदेशी उत्‍पादन को बढ़ाना;
  • अगरबत्‍ती क्षेत्र में कार्यरत कारीगरों को प्रशिक्षण प्रदान करना और अगरबत्‍ती निर्माण मशीनों, अगरबत्‍ती निर्माण के लिए कच्‍चे माल आदि से उनकी सहायता करना;
  • परंपरागत कारीगरों के लिए स्‍थायी रोजगार का सृजन करना और उनका मेहनताना बढ़ाना; और
  • बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज विकसित करना और कारीगरों और स्‍व-सहायता समूहों आदि को पथ प्रदर्शन प्रदान करना।
सहायता का प्रकार
  • अगरबत्‍ती उद्योग में अनुभवी व्‍यक्तियों/विशेषज्ञों द्वारा 10 दिन का मुफ्त अगरबत्‍ती कौशल उन्‍नयन प्रशिक्षण (प्रति बैच 20 उम्‍मीदवार)
  • अगरबत्‍ती निर्माण मशीनों, अगरबत्‍ती निर्माण के लिए कच्‍चे माल आदि से सहायता।
कौन आवेदन कर सकता है
  • फोटोग्राफ के साथ आधार कार्ड/मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड आदि वाले18 वर्ष से 55 वर्ष की आयु वर्ग के कारीगर।
  • पैडल संचालित मशीन के लिए एक परिवार से एक व्‍यक्ति और स्वचालित अगरबत्‍ती मशीन के लिए समूह गतिविधि (एसएचजी) हेतु एक परिवार से दो व्‍यक्ति।
  • स्‍व-सहायता समूह या समूहों के लिए, सभी सदस्‍यों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • केवीआईसी/केवीआईबी/नाबार्ड/केवीके/ राज्‍य या केन्‍द्र सरकार द्वारा मान्‍यता प्राप्‍त प्रशिक्षण केन्‍द्रों या बैंक/पात्र एनजीओ द्वारा अगरबत्‍ती बनाने में पहले से प्रशिक्षित व्‍यक्ति।
  • अगरबत्‍ती के उत्‍पादन के लिए केवीआई संस्‍थाओं के साथ कार्यरत कारीगरों को वरीयता दी जाएगी।
  • उसी/समान प्रयोजन के लिए अन्‍य सरकारी स्‍कीमों का लाभ ले चुके व्‍यक्ति पात्र नहीं होंगे; लाभार्थी को इस आशय का घोषणापत्र देना होगा।
आवेदन कैसे करें
  • प्रायोगिक परियोजनाओं/प्रशिक्षण प्राप्त करने/मशीनों आदि की स्थापना करने के इच्छुक भावी लाभार्थी/स्व-सहायता समूहों से परियोजना प्रस्तावों के साथ आवेदन आमंत्रित करने के लिए स्‍थानीय प्रिंट/इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से केवीआईसी के राज्य/प्रभागीय निदेशकों द्वारा दिए जाने वाले विज्ञापनों का उत्‍तर देकर।
  • विवरण जानने के लिए संबंधित राज्‍य कार्यालय, केवीआईसी से संपर्क करें।
    किससे संपर्क करें
    राज्य निदेशक,
    खादी और ग्रामोद्योग आयोग
    http://www.kviconline.gov.in पर पता उपलब्ध है
    संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, केवीआईसी, मुंबई
    दूरभाषः 022-26714370
    ई-मेलःykbaramatikar[dot]kvic[at]gov[dot]in
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‘Agarbatti Making Project’
under “Gramodyog Vikas Yojana(GVY)” Scheme
Objectives
  • To revive Agarbatti industry in the country ;
  • To enhance indigenous production of Agarbatti to reduce imports ;
  • To impart training to the artisans working in the Agarbatti sector and assist them with Agarbatti manufacturing machines, raw material for manufacturing Agarbatti. etc. ;
  • To create sustainable employment for the traditional Artisans and increase their wages ; and
  • To develop backward & forward linkages and hand holding support to the artisans & SHGs etc.
Nature of Assistance
  • 10 days’ Agarbatti skill upgradation free training (20 candidates per batch) by experienced/experts in Agarbatti industry.
  • Assistance with Agarbatti manufacturing machines, raw material for manufacturing Agarbatti. etc.
Who Can Apply
  • Artisans in the age group of 18 years to 55 years having Aadhar Card/Voters’ ID with photographs and Ration Cards, etc.
  • One person from one family for pedal operated and two persons from one family for Groups activity( SHGs) for automatic Agarbatti machine
  • For SHGs or Groups, all the members will be trained.
  • Persons already trained in Agarbatti making by KVIC/ KVIB /NABARD/KVK(s) /Training Centres recognized by State or Central Govt. or Bank/ Eligible NGO(s), etc.
  • Preference to be given to the artisans working with KVI institutions for production of Agarbatti .
  • Persons who have availed benefits from other Govt. Schemes for the same/similar purpose will not be eligible; the beneficiary to give declaration to this effect.
How to Apply
  • By responding to the advertisements to be given by the State/Divisional Directors of KVIC locally through print & electronic media inviting applications along with project proposals from prospective beneficiaries/SHGs desirous of establishing the Pilot Projects/get training/machines etc.
  • Concerned State Office, KVIC can be contacted to know the details.
    Whom to contact
    State Director, KVIC
    Address available
    at http://www.kviconline.gov.in
    Jt. CEO, KVIC, Mumbai
    Ph: 022-26714370
    Email: ykbaramatikar[dot]kvic[at]gov[dot]in
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Rs. 3.00 Lakh crores loans to MSMEs: Collateral Free, Guarantee Free
Description
  • Businesses / MSMEs have been badly hit due to COVID19 need additional funding to meet operational liabilities built up, buy raw material and restart business;
  • Guarantee free and collateral free loans amounting to Rs. 3.00 Lakh crores have been approved;
  • The Scheme is implemented by Department of Financial Services.
Nature of Assistance
  • Upto 20% of entire Outstanding credit as on 29.2.2020;
  • Loans up to Rs. 25 cr. Outstanding and units upto Rs. 100 cr. turnover eligible;
  • Loans to have 4 year tenor;
  • 12 months moratorium on Principal repayment;
  • Interest to be capped.

Salient Features
  • 100% credit guarantee cover to Banks and NBFCs on principal;
  • Scheme can be availed till 31st Oct 2020;
  • No guarantee fee, no fresh collateral.
Expected Impact
  • It is expected that about 45 lakh units can take benefit and resume business activity and safeguard the employment of people.
Who Can Apply
  • All businesses/ MSMEs are eligible.
How to Apply
  • Through Banks, DFS and National Credit Guarantee Trustee Company Ltd (NCGTC).
For more Information:
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Or write on email:
champions@gov.in/ info@ncgtc.in

 
User Image DISTRESSED ASSETS FUND - SUBORDINATE DEBT SCHEME FOR MSMEs
Credit Guarantee Scheme for Subordinate Debt (CGSSD)
Description
  • This Scheme seeks to extend support to the promoter(s) of the operational MSMEs which are stressed and have become NPA as on 30th April, 2020;
  • Promoter(s) in turn will infuse this amount in the MSME unit as equity and thereby enhance the liquidity and maintain debt-equity ratio.
Nature of Assistance
Guarantee for the sub-debt: 90% guarantee coverage would come from the scheme / trust and remaining 10% from the concerned promoter(s);
The maximum tenor for repayment will be 10 years. There will be a moratorium of 7 years on payment of principal.
Salient Features
  • In a situation, where an outright loan is dicult, sub-debt with guarantee will provide the requisite financing to the MSME Units,
  • Subordinate debt will be of substantial help in sustaining and reviving the MSMEs which have either become NPA or are on the brink of becoming NPA.
  • Promoter(s) of the MSMEs will be given credit equal to 15% of their stake (equity plus debt) or Rs. 75 lakh whichever is lower.
Expected Impact
  • Provision for sub debt will be of Rs. 20000 crores which is likely to benefit two lakh MSMEs;
  • A bigger number of MSME promoter(s) can do business without worry and avail present opportunities;
  • With this help, the MSMEs will continue to function, provide jobs and contribute in National Economy.
Who Can Apply
  • Operational MSMEs which are NPA or are stressed will be eligible
  • Promoter(s) of such units can apply
How to Apply
  • Promoter(s) of MSMEs meeting the eligibility criteria may approach scheduled commercial banks to avail benefit under the scheme
For more Information: Kindly Visit our Single window System @ www.champions.gov.in/ www.cgtmse.in or write to us on email: champions@gov.in

There are ways to come out
from Distress...
 
Equity Infusion for MSMEs through Fund of Funds
Description
  • MSMEs face severe shortage of equity. The Fund of Funds will provide equity funding for MSMEs with growth potential and viability with the ultimate aim of encouraging MSMEs to grow and get listed on stock exchanges;
  • VCs/PEs firms do offer early stage funding but very few of them provide growth stage funding;
  • With Government intervention, this scheme would be able to intermediate different types of funds into underserved MSMEs and address the growth needs of viable and high growth MSMEs.
Nature of Assistance
Growth Funding to MSMEs through equity financing: GOI will support VC/PE firms in investing in commercially viable MSMEs in meeting their growth requirements. The proposed fund of funds will encourage private sector investments in the MSME sector and leverage Rs.50,000 crore. The actual investment may be even higher.
Private funding leverage: Fund of Funds aims to achieve private funding leverage through the use of professional fund managers with access to funding and strategic performance oversight. This will help attract a wide range of investors, including financial institutions, corporate investors, banks, other government funds, HNW individuals to invest into MSMEs.
Salient Features
  • Under the scheme, there would be a Mother Fund, where Government of India will be Anchor Investor;
  • The Mother Fund can invest daughter funds who can deploy the investments in targeted MSMEs;
  • This will create a partnership with MSMEs in their growth journey and enable them to grow bigger and get listed on stock exchanges.
Expected Impact
  • The scheme is expected to facilitate equity financing of Rs.50,000 crore in the MSME Sector
Who Can Apply
  • All MSMEs are eligible
How to Apply
  • Through Investor Funds onboarded and registered with proposed Fund of Funds
For more Information:
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